God Became Flesh : The Truth of Christmas


         “She will bear a son, and you shall call his name Jesus, for he will save his people from their sins … Behold, the virgin shall conceive and bear a son and they shall his name Immanuel, which means, God with us.” (Matthew 1:21, 23)


         “… I bring you good news of good news of great joy at will be for all the people. For unto you is born this day … a savior, who is Christ the Lord.” (Luke 2:10, 11)


All over the world every people celebrate the Christmas. But I am skeptic that those who celebrate the Christmas really know the meaning of it. Most of Christians think that going Church and praying, decorating houses with colourful lights, giving gifts each other, giving party to friends and sharing food with poor for a day is Christmas. People from other religions think that Christmas is the day in which Christians celebrate the birthday of the person who is the founder of the religion called Christianity.

I would tell you that Christ Jesus didn’t come to found a new religion (Mt. 5:17), but HE came to expose the hypocrisy which men try to hide in the name of religion or God and lead them in the path of Truth. The Holy Scripture tells us that Christmas is of Christ Jesus. Celebrating the Christmas without Christ is the product of our materialistic and consumerism society. The Holy Scripture tells us three things about Christ Jesus.

Christ Jesus is the atonement of sin for all men. We read about the tragedies in our daily newspapers. Murder, robbery, bribe, adultery, rape, etc. are the headlines of each newspaper daily. Do you know that the reason of these incidents? The Holy Scripture says that the reason of these tragedies in the world is sin which dwells in the heart of men. Under the influence of sin, men commit the crimes even he doesn't want to do. That’s why God sent his son Christ Jesus to save men whom HE created in HIS own image and likeness and Christ Jesus sacrificed HIMSELF on the cross as an atonement of our sin.

Christ Jesus is the very presence of God among all men. The Holy Scripture says that “... in HIM the whole fullness of deity dwells bodily” (Col. 2:9). The Angel who predicted the birth of Jesus Christ, called him Immanuel, which means ‘God with us’. In other words, Christ Jesus is the very presence of God midst us and the way which leads all men to God. For HE himself has declared saying, “… I am the way, and the truth, and the life. No one comes to the Father except through me” (John 14:6).

Christ Jesus is the saviour of all men. Christ Jesus didn’t come only to be great teacher (guru), social reformer or the representative of God in the world, but HE came to bear the penalty of our sin that we may release its punishment. HE is the only sinless, blameless and holy sacrifice who died on the cross as a sinner, buried and raised from the dead (1 Cor. 15:3, 4).

This is the Good News of Christmas which I would preach to each person in this world. It is deep and highest desire of  my heart that I received my saviour in 2000 during Christmas season, in same way you may receive HIM as your saviour. 

The Family of Phulbari Sewa Mandali wish you merry Christmas and happy new year 2019.      

(It has been our joy to share this message on 25th December 2018 at Phulbari more than 250 people who came to celebrate the birthday of our Lord Jesus Christ. Our heart is filled with gratitude to God and our dear villagers who accepted the invitation and came to celebrate and heard the Christmas message. It is published originally in Nepali and distributed. Later it is translated into English and Hindi and available online in below) 

Hindi Version: 

परमेश्वर देहधारी हुआ

‘‘वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा। ... देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा, ‘‘जिसका अर्थ है - परमेश्वर हमारे साथ।’’ (मत्ती 1ः21, 23)

‘‘... मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ जो सब लोगों के लिए होगा, कि आज ... तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह यीशु है।’’ (लूका 2ः10, 11)

संसारभर में क्रिसमस (ख्रीष्ट जयन्ती) का त्यौहार बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। परन्तु कितने लोग इसके सही अर्थ को समझते हैं, मुझे संदेह है। अधिकतर मसीही लोग सोचते हैं कि गिरजाघर जाकर प्रार्थना करना, घर को रंगबिरंगी रोशनी से सजाना, एक दूसरे को उपहार देना, मित्रों के सँग खाना-पिना और निर्धन लोगों के साथ एक दिन का खाना बाँड्ना है। दूसरे धर्मो के लोग सोचते हैं कि क्रिसमस मसीही धर्म के संस्थापक का जन्मदिन मनाने का समय है।

मैं आज आपको बताना चाहता हूँ कि ख्रीष्ट यीशु संसार में एक नये धर्म की स्थापना करने नहीं आये (मत्ती 5ः17)  परन्तु वह धर्म और ईश्वर के नाम पर अपने भ्रष्टाचार को छिपाने मनुष्य के पाखण्डपन को उजागर करने और उसे सत्य के मार्ग में ले जाने के लिए आये। पवित्र धर्मशास्त्र बताता है कि क्रिसमस ख्रीष्ट यीशु के बारे में है। बिना ख्रीष्ट यीशु के  क्रिसमस मनाना हमारे भौतिकवादी और उपभोक्तवादी सोच का परिणाम है। परन्तु पवित्र धर्मशास्त्र हमें ख्रीष्ट यीशु के बारे में तीन मुख्य बातें बाताता है।

ख्रीष्ट यीशु समस्त मानवजाति का पापमोचक है। हर दिन हम समाचारपत्रों में दुखदपूर्ण घटनाओं के बारे में पढ़ते हैं। हत्या, चोरी, रिश्वतखोरी, व्याभिचार, बलात्कार, आदी की खबरें हमारे दैनिक समाचारपत्र की ताजा व मुख्य खबरें होती हैं। क्या आप जानते है कि इन सब घटनाओं का मुख्य कारण क्या है? पवित्र धर्मशास्त्र बताता है कि इन सब बातों का मुख्य कारण मनुष्य के हृदय में छिपा हुआ पाप है। पाप के वश में पड़ा हुआ मनुष्य न चाहते हुए भी अपराध करता है। इसी कारण परमेश्वर पिता अपने स्वरूप और समानता में सृजे गये मनुष्य को बचाने के लिए अपने पुत्र ख्रीष्ट यीशु को हमारे मध्य भेजा और उसने अपनी क्रूस की मृत्यु द्वारा हमारे पाप का मोचन किया।

ख्रीष्ट यीशु समस्त मानवजाति के मध्य परमेश्वर की उपस्थिति है। पवित्र धर्मशास्त्र बताता है कि ‘‘... उसमें (ख्रीष्ट में) ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है’’’ (कुलस्सी 2ः9)। ख्रीष्ट यीशु के जन्म की भविष्यवाणी करने आये स्वर्गदूत ने उसे ‘इम्मानुएल’ कहा, जिसका अर्थ है - परमेश्वर हमारे साथ।  दूसरे शब्दों में ख्रीष्ट यीशु मनुष्य के मध्य साक्षात् परमेश्वर की उपस्थिति हैं और वह समस्त मानवजाति के लिए परमेश्वर पिता के पास ले जाने वाला मार्ग बना है। क्योंकि यीशु ने स्वयं ही कहा है कि ‘‘...मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता’’ (यूहन्ना 14ः6)।

ख्रीष्ट यीशु समस्त मानवजाति का मुक्तिदाता है। ख्रीष्ट यीशु संसार में केवल एक महान गुरू, समाजसुधारक या परमेश्वर का प्रतिनिधि होकर नहीं आया परन्तु वह हमारे पापों का दण्ड अपने ऊपर लेने के लिए आये, ताकि हम पाप के दण्ड़ से मुक्त हो सके। संसार में वह ही एकमात्र निष्पाप, निर्दोष और पवित्र बलिदान है जो समस्त संसार के पाप के लिए एक पापी के समान क्रूस में मरे, गाड़े गये और तीसरे दिन जी उठा (1 कुरि. 15ः3,4)।  

यही क्रिसमस का शुभ संदेश है। मेरे हृदय की उत्कृष्ट इच्छा यही है कि जैसे मैंने 2000 वर्ष में प्रभु यीशु को क्रिसमस के दौरान उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण किया वैसे ही आप इस क्रिसमस में प्रभु यीशु को उद्धारकर्ता के रूप में ग्रहण करें।

फुलबारी सेवा मण्डली परिवार की ओर से आप सबको क्रिसमस (ख्रीष्ट जयन्ती) और नववर्ष की शुभकामनायें हैं।


Nepali Version:

परमेश्वर देहधारी हुनुभयो


"तिनले एउटा पुत्र जन्माउनेछिन्, र तिमीले उहाँको नाऊँ येशू राख्नेछौ, किनभने उहाँले आफ्ना मानिसहरूलाई तिनीहरूका पापबाट बचाउनुहुनेछ। ... हेर, एउटा कन्याले गर्भधारण गर्नेछे, र त्यसले एउटा पुत्र जन्माउनेछे, र उहाँको नाउँ इम्मानुएल राखिनेछ, ‘‘जसको अर्थ हो, ‘‘परमेश्वर हामीहरूसँग।’’ ।। (मत्ती 1ः21, 23)

"... म तिमीहरूलाई बड़ो आनन्दको सुसमाचार सुनाउँछु, जो सबै मानिसहरूका निम्ति हुनेछ। आज ... तिमीहरूका निम्ति एउटा मुक्तिदाताको जन्म भएको छ, जो ख्रीष्ट प्रभु हुनुहुन्छ।" (लूका 2ः10, 11)

आज संसारका प्रत्येक जातिले क्रिसमसको (ख्रीष्ट जयन्ती) चाड़लाई बड़ो उल्लाससित मनाउँछ। तर कतिले इसको अर्थ बुझेका छन् भन्ने कुरोमा संदेह छ। अधिकतर ख्रीष्टियनहरूले सोच्छन् कि गिरजाघर जानु, आफ्नो घरलाई रंगबिरंगा रोशनीले सजाउनु, एक अर्कालाई उपहार दिनु, इष्टमित्रहरूसँग खाऊनु पिऊनु र निर्धनहरूलाई एक दिनको खाना बाँड्नु हो। अरू धर्मका मानिसहरूले सोच्छन् कि क्रिसमस भने को ख्रीष्टियन धर्म को संस्थापकको जन्मदिन मनाउने समय हो।

म आज तपाईलाई भन्न चाहन्छु कि ख्रीष्ट येशू संसारमा एउटा नया धर्म को स्थापना गनु आएको होइन (मत्ती 5ः17) तर उहाँ धर्म व ईश्वरको नाऊँमा आफ्नो भ्रष्टाचारलाई लुकाउने मानिसको पाखण्डीपनलाई उजागर गर्नु र उसलाई सत्यको मार्गमा डोरयाउन आऊनु भएको हो। पवित्र धर्मशास्त्रले हामीलाई बताउन्छ् कि क्रिसमस ख्रीष्ट येशू को बारेमा हो। बिना ख्रीष्ट येशू को क्रिसमस मनाउनु हाम्रो भौतिकवादी र उपभोक्तवादी सोचको परिणाम हो। तर पवित्र धर्मशास्त्रले हामीलाई ख्रीष्ट येशूको बारेमा तीन मुख्य कुराहरू बताऊँछ्।

ख्रीष्ट येशू समस्त मानवजातिको पापमोचन हुनुहुन्छ। प्रत्येक दिन हामी समाचारपत्रमा दुखदपूर्ण घटनाहरूलाई पढ़छौं। हत्या, चोरी, रिश्वतखोरी, व्याभिचार, बलात्कार, आदी को खबरहरू हाम्रो समाचारपत्र को मुख्य खबर भएका छन्। के तपाईलाई थाह छ कि यस प्रकारको घटनाहरूको मुख्य कारण के हो? पवित्र धर्मशास्त्रले बताउँछ कि यिनीकुराहरूको कारण मनुष्य को हृदयमा बसेको पाप हो। पापको वशमा परेको मनुष्य न चाहँदैं पनि अपराध गरेको छ। त्यसकारण परमेश्वर पिताले आफूले गरेको सृष्टि मनुष्यलाई बचाउनुको निम्ति आफ्नो पुत्र ख्रीष्ट येशूलाई हाम्रो मध्यमा पठाउनु भयो र उहाँले क्रूसको मृत्यु द्वारा हाम्रो पापको मोचन गर्नुभयो।

ख्रीष्ट येशू समस्त मानवजातिको मध्य परमेश्वरको उपस्थिति हुनुहुन्छ। पवित्र धर्मशास्त्रले भन्दछ कि ‘‘ख्रीष्टमा ईश्वरत्वको सारा परिपूर्णता शरीरमा वास गर्दछ’’। (कुल. 2ः9) ख्रीष्ट येशूको जन्मको भविष्यवाणी गर्ने स्वर्गदूतले उहाँलाई ‘इम्मानुएल’ भने, जसको अर्थ हो ‘परमेश्वर हामीहरूसँग’। अर्को अर्थमा ख्रीष्ट येशू मनुष्यको मध्य साक्षात् परमेश्वरको उपस्थिति हुनुहुन्थ्यो र आज उहाँ समस्त मानवजाति को निम्ति परमेश्वरकहाँ जाने बाटो हुनुहुन्छ। किनकि उहाँ स्वयंले भन्नुभएको छ कि ‘‘बाटो, सत्य र जीवन मनै हुँ। मद्वारा बाहेक कोही पनि पिताकहाँ आउन सक्दैन’’। (यूह. 14ः6)

ख्रीष्ट येशू समस्त मानवजातिको मुक्तिदाता हुनुहुन्छ। ख्रीष्ट येशू संसारमा एउटा महान गुरू, समाजसुधारक या परमेश्वरको प्रतिनिधि भएर मात्र आऊनु भएको होइन् तर उहाँ हाम्रो पाप को दण्ड आफ्नो माथि लिनु को निम्ति आऊनु भएको हो, ताकि हामीहरू पापको दण्डबाट मुक्त हुनसकौं। संसारमा उहाँनै एकमात्र निष्पाप, निर्दोष र पवित्र बलिदान हुनुहन्छ जो समस्त संसारको पापको निम्ति एक पापीको समान क्रूसमा मर्नुभयो, गाढ़िनुभयो र तीस्रो दिन मृत्युबाट जीवित हुनुभयो। (1 कुरि. 15ः3,4)

यो नै क्रिसमस को शुभ संदेश हो। मेरो हृदय को उत्कृष्ट इच्छा यहीनै हो कि जसरी 2000 वर्ष को क्रिसमसमा मैंले आफ्नो मुक्तिदाता ख्रीष्ट येशूलाई पाए, त्यसरीनै तपाईले उहाँलाई आफ्नो मुक्तिदाताको रूपमा पाऊन्।

फुलबारी सेवा मण्डली परिवारबाट तपाईलाई क्रिसमस (ख्रीष्ट जयन्ती) र नववर्ष 2019 को धैरे शुभकामना छ। 

Comments

Popular posts from this blog

Bindi and Tilak – A Biblical Response

My Hope in CHRIST!